आजाद भारत के अंतिम राजा रहे कमल सिंह ने रविवार सुबह अंतिम सांस ली वो देश के पहले सांसद थे ।
1952 में हुए पहली बार के लोकसभा चुनाव में कमल सिंह बतौर निर्दलीय प्रत्याशी बक्सर (तब शाहाबाद नॉर्थ वेस्ट) सीट से मैदान में उतरे और कांग्रेस की कलावती को हराकर पहली बार संसद पहुंचे थे।
वो पहली लोकसभा के एकमात्र जीवित सांसद और आजाद भारत के अंतिम राजा थे, कमल सिंह ने रविवार सुबह अंतिम सांस ली, वे 93 साल के थे।
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महाराजा होने के बावजूद कमल सिंह आम लोगों की तरह सादगी से रहना और लोगों से मिलना-जुलना उनकी दैनिक जीवन का हिस्सा था।
कमल सिंह ने स्कूल, कॉलेज और अस्पताल के लिए कई एकड़ जमीन दान में दी। इस पर बना महाराजा कॉलेज, जैन कॉलेज और बिहार का इकलौता प्रताप सागर टीबी अस्पताल बना है।
भारत रत्न बिस्मिल्लाह खां कमल सिंह के दरबारी वादक थे। राजगढ़ स्थित कमल सिंह के बांके बिहारी मंदिर में बिस्मिल्लाह खां शहनाई बजाया करते थे।