गामी जी का रवैया जदयू की संस्कृति के खिलाफ-- प्रफुल्ल

 हायाघाट के जदयू बिधायक अमरनाथ गामी के द्वारा जदयू नेतृत्व के उपर किए गये बयानबाज़ी दलीय संस्कृति के खिलाफ है ।मंत्री बनने की ललक ने गामी जी की दलीय निष्ठा को कुंठित कर दिय़ा है।



जदयू की संस्कृति ऐसे दलीय आचरण को कभी भी बर्दाश्त नही कर सकती ।जदयू सेवादल के प्रदेश महासचिव प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने उपरोक्त बातों की जानकारी देते हुए कहा है कि संगठन के बदौलत तथा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिश कुमार जी के नेतृत्व क्षमता के सहारे बिधायक बनने बाले गामी जी को यदि अब जदयू की नीतियों मे खोट नजर आ रहा है तो उन्हें नेतृत्व की आलोचना के बजाय इस्तीफा कर देनी चाहिए ।

सोशल मीडिया मे आये जदयू बिधायक के बयानबाज़ी को बेहद आपत्तिजनक करार देते हुए श्री ठाकुर ने कहा है कि शीर्ष नेतृत्व से उनकी मांग है कि बिधायक के उपर कठोर अनुशासनात्मक कारवाई होनी चाहिए क्योंकि जिस नीतिश कुमार जी के नेतृत्व कौशल की सूबे साथ साथ देश स्तर पर सराहना की जा रही है तथा जिनकी नीतियों तथा सोच को दूसरे दलों के द्वारा अनुसरण किया जा रहा है ऐसे नेतृत्व की आलोचना कर गामी पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को कमजोर कर रहे है ।

जदयू नेता श्री ठाकुर ने बिधायक को नसीहत देते हुए कहा है कि संगठन मे रहकर संगठन को कमजोर करने की उनकी साजिश कभी सफल नही होगी तथा पूरी पार्टी नीतीश कुमार जी के नेतृत्व मे बिहार को बिकास के शीर्ष पर ले जाने को संकल्पित है

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