स्कुल की स्थिति दयनीय, बच्चे मौत के छांव में पढ़ने को मजबूर।

दरभंगा के समीप भुस्कौल गांव के बलाह पंचायत में एक स्कूल है जो कि मुसहरी टोले में बसा हुआ है स्कुल की स्थिति बहुत ही दयनीय है , बच्चे मौत के छाव में पढ़ने को मजबूर हैं ।

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स्कूल की स्थिति आप खुद नीचे के फोटो को देख कर लगा सकते हैं , स्कूल की स्थिति आप इस बात से लगा सकते है किै  स्कूल का भवन टूटा हुआ है, ना शौचालय कि व्यवस्था है और ना स्कुल में छात्र -छात्राओं को पानी पिने का व्यवस्था है।

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बदहाल रसोईघर


पढ़ाई के नाम पर स्कूल में 5 शिक्षक है लेकिन मिथिला में एक कहावत है "खुर्पी छुआ बोइंन हुआ" मानो ऐसा ही हैं सिर्फ सब अपने पगार के लिए ही हैं।


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टूटा हुआ छत

स्कूल में पांच शिक्षक होने के बाबजूद  रेगूलर मात्र एक-दो ही अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने आते हैं ,  वो 1-2 शिक्षक आते जरूर है सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज करवानेे, पगार तो उन्हें टाइम पर चाहिए लेकिन वो आते 11बजे के बाद है ।


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ढह चुका पिलर

इस स्कुल में अधिकांशतः लगभग सब sc-st के बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन पढ़ने के नाम पर वहां उनकी सिर्फ नाम रजिस्टर में लिखा हुआ है शिक्षक ही समय पर नही होने की वजह से  बच्चों की शिक्षा की बात ही करना बेफिजूल होगा ।


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बात करते है सरकार की

अगर हम बात सरकार की करे तो सरकार कह रही है sc-st के बच्चों को  उनके अधिकार मिले उन्हें एक समान शिक्षा मिले, उन्हें समाज मे एक सामना अधिकार मिले लेकिन जब उनकी प्रारंभिक शिक्षा ही चौपट हो जाएगी तो आखिर यह सब संभव कैसे हो सकेगा । सरकार ने कभी इस बात की जाँच नही की शिक्षा व्यवस्था कैसी है, पढ़ाई बच्चों की कैसी चल रही है, शिक्षक योग्य है या नही, शिक्षक समय पर है या नही, शिक्षा भवन सही है या नही, बच्चों के लिए सभी व्यवस्था है कि नही, लेकिन नही सरकार को क्या है .....

चुनावी माहौल में नए वादे होंगे, लोग लुभावन वादे होंगे, जनता को मन्त्र मुग्ध किया जाएगा , उन्हें लालच दिया जाएगा फिर सरकार बनेगी और फिर सब ज्यो का त्यों रहेगा ।

जरूरत है कानून बनाने के साथ साथ उस पर पहल की।
अगर समाज के सबसे दबे लोग पढ़ ही नही पाएंगे तब समाज मे एक अधिकार की बात कौन करेगा , अगर उनके बच्चे पढ़ेंगे नहीं तो कहां से अपना अधिकार पायेंगे । आप को भी पता है कि कितना sc-st का बच्चा पढ़ता है । लेकिन जितना भी पढ़ता है उस के लिए अच्छा शिक्षा व्यवस्था लाये जाए उन्हें प्रेरित किया जाए जिससे वो सभी पढ़ने स्कूल आये , लेकिन सबसे पहले स्कूल की स्थिति, शिक्षक की योग्यता और स्थिति, सही करने पर बल दिया जाए।

Report संत कुमार

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