दिल्ली न्यूज़ ;- आज 4 मार्च 2019 को रेलवे ग्रुप डी का रिजल्ट शाम 4:00 से आना शुरू हुआ, रिजल्ट सबसे पहले मुंबई जोन से आने शुरू हुआ, एक एक करके सभी जोन वाइज ग्रुप डी का रिजल्ट आना शुरू हुआ ! बहुत दिन से यह अफवाह थी कि रिजल्ट कुछ दिनों में दिया जाएगा इसलिए परीक्षार्थी पिछले कुछ दिनों से हर दिन गूगल और यूट्यूब के मदद से इनकी जानकारियां लिया करते थे लेकिन रेलवे ग्रुप डी का रिजल्ट आने में देर हुई लेकिन तब भी कोई बात नहीं !
क्या हैं गड़बड़ी
रिजल्ट आते ही रेलवे की तरफ से एक बहुत बड़ी चीज सामने आई है, बच्चे अपने रिजल्ट को लेकर परेशान है क्योंकि उनके मार्क्स संतोषजनक है और चिंताजनक भी, क्योंकि रेलवे के 100 नंबर के परीक्षा में किसी परीक्षार्थी को 150 तो किसी को 200 से भी ज्यादा नंबर मिले हैं इस वजह से विद्यार्थियों में रेलवे के लिए आक्रोष है रिजल्ट आने के कुछ ही छन के बाद विद्यार्थियों ने अपने रिजल्ट व्हाट्सएप के माध्यम से हमे शेयर करने शुरू किए कि उन्हें एक सौ नंबर में 100 से ज्यादे नंबर कैसे आए !
बताते चलें कि रेलवे ग्रुप डी का एग्जाम पिछले साल 2018 के 17 सितंबर से शुरू होकर 17 दिसंबर तक चला है, जिसमें करीब 1.8 करोड़ परीक्षार्थियों ने भाग लिया था, जिसमें कुल 62907 वैकेंसी थी।
कौन है जिम्मेदार
अब देखने वाली बात यह है कि रेलवे किस तरीके से परीक्षार्थियों के इस रिजल्ट को सही करता है और देखने वाली बात यह भी होगी की कब तक इस रिजल्ट को सही करता है ! इसके पीछे रेलवे किसको जिम्मेदार ठहराती है ये भी देखने वाली बात हैं ।
आखिर ऐसी गलती क्यों, क्या यह गलती बच्चों के भविष्य के साथ खेलना नहीं हुआ, इतना समय लेने के बाद भी इस तरह की रिजल्ट वाकई सोचने पर मजबूर कर देता है !
अंत में आपके रिजल्ट कैसे रहे हमें कमेंट में जरूर बताएं अगर असंतोषजनक रिजल्ट आपका भी है तो हमें जरूर बताएं !
यह पोस्ट ज्यादा से ज्यादा लोगों तक भेजें !
क्या हैं गड़बड़ी
रिजल्ट आते ही रेलवे की तरफ से एक बहुत बड़ी चीज सामने आई है, बच्चे अपने रिजल्ट को लेकर परेशान है क्योंकि उनके मार्क्स संतोषजनक है और चिंताजनक भी, क्योंकि रेलवे के 100 नंबर के परीक्षा में किसी परीक्षार्थी को 150 तो किसी को 200 से भी ज्यादा नंबर मिले हैं इस वजह से विद्यार्थियों में रेलवे के लिए आक्रोष है रिजल्ट आने के कुछ ही छन के बाद विद्यार्थियों ने अपने रिजल्ट व्हाट्सएप के माध्यम से हमे शेयर करने शुरू किए कि उन्हें एक सौ नंबर में 100 से ज्यादे नंबर कैसे आए !
बताते चलें कि रेलवे ग्रुप डी का एग्जाम पिछले साल 2018 के 17 सितंबर से शुरू होकर 17 दिसंबर तक चला है, जिसमें करीब 1.8 करोड़ परीक्षार्थियों ने भाग लिया था, जिसमें कुल 62907 वैकेंसी थी।
कौन है जिम्मेदार
अब देखने वाली बात यह है कि रेलवे किस तरीके से परीक्षार्थियों के इस रिजल्ट को सही करता है और देखने वाली बात यह भी होगी की कब तक इस रिजल्ट को सही करता है ! इसके पीछे रेलवे किसको जिम्मेदार ठहराती है ये भी देखने वाली बात हैं ।
आखिर ऐसी गलती क्यों, क्या यह गलती बच्चों के भविष्य के साथ खेलना नहीं हुआ, इतना समय लेने के बाद भी इस तरह की रिजल्ट वाकई सोचने पर मजबूर कर देता है !
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आपके प्यार और स्नेह के लिए धन्यवाद mithilatak के साथ बने रहे |