जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए इस दर्दनाक हादसा में हमारे 42 वीर योद्धा शहीद हो गए . मिथिला के भागलपुर के रतनपुर गांव के रतन कुमार ठाकुर भी इस कर्मभूमि को अलविदा कह गये, पूरा गांव सुन सा हो गया हैं मातमी का मौहाल पूरे गाँव मे छाया हैं , परिवार के लोग का रो-रो कर बुरा हाल है चारों तरफ़ से चीख निकल रहा है,
खबर आने के बाद पूरा परिवार सदमे में है पिता का रो-रो कर बुरा हाल है वही रतन का अवोध बच्चा जो कि अभी बहुत छोटा हैं वो सबसे "क्या हुआ " पूछ रहा है ।
गाँव वाले का कहना है कि उनलोगों ने अपने गाँव का रत्न खो दिया , आपको बता दे कि रतन कुमार ठाकुर सीआरपीएफ के 45वीं बटालियन के जवान थे ।
गुरुवार को कश्मीर से श्रीनगर जा रही सेना की बहुत बड़ी काफिला पर जम्मू कश्मीर नैशनल हाइवे पर वहाँ पहले से मौजूद कार में विस्फोटक सामान को रिमोट से उड़ा दिया गया जिसके चपेट में सीआरपीएफ से भड़ी बस के आने से 42 सैनिक शहीद हो गए हैं 20 से अधिक सैनिक घायल बताये जा रहे हैं ।
आखिर कब तक हम यूँ मौन रहकर यह सब देखते रहेंगे हमारी यह अपील है सरकार से की जल्द से जल्द हमारे जवानों के वलिदान का बदला लिया जाय ।
खबर आने के बाद पूरा परिवार सदमे में है पिता का रो-रो कर बुरा हाल है वही रतन का अवोध बच्चा जो कि अभी बहुत छोटा हैं वो सबसे "क्या हुआ " पूछ रहा है ।
गाँव वाले का कहना है कि उनलोगों ने अपने गाँव का रत्न खो दिया , आपको बता दे कि रतन कुमार ठाकुर सीआरपीएफ के 45वीं बटालियन के जवान थे ।
गुरुवार को कश्मीर से श्रीनगर जा रही सेना की बहुत बड़ी काफिला पर जम्मू कश्मीर नैशनल हाइवे पर वहाँ पहले से मौजूद कार में विस्फोटक सामान को रिमोट से उड़ा दिया गया जिसके चपेट में सीआरपीएफ से भड़ी बस के आने से 42 सैनिक शहीद हो गए हैं 20 से अधिक सैनिक घायल बताये जा रहे हैं ।
आखिर कब तक हम यूँ मौन रहकर यह सब देखते रहेंगे हमारी यह अपील है सरकार से की जल्द से जल्द हमारे जवानों के वलिदान का बदला लिया जाय ।