सुनों कहानी वीरों की । कविता


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सुनो कहानी वीरों की,
भारत मां के शेरों की!
निडर खड़े हैं सीमा पर,
देश प्रेम का भाव लेकर!!

राजस्थान की तपिश हो,
या कश्मीर की कपकपी,
सियाचिन की बर्फ की चादर,
या आंधी हो कच्छ की ।
जोश इनका न डिगा तनिक भी ,
चाहे जैसी लाचारी हो!!

निद्रा देवी तरस रही,
गोद मे इन्हें सुलाने को ,
वक्त कहां अब इनके पास
दो पल भी सुस्ताने को !!

है कसम इन वीरों ने ली,
मां की लाज बचाने की ,
शत्रु जितना बलशाली हो,
उसे रण में धूल चटाने की !!

पाक के नापाक इरादे,
इन्होंने ही नाकाम किया,
आया जब सीमा पार आतंकी,
उसका भी काम तमाम किया!!

हंसते-हंसते खाई गोली,
मां के वीर जवानों ने,
ना किया संकोच तनिक भी,
अपने प्राण गवाने में !!

है फक्र सैनिक पर अपने ,
हर एक भारतवासी को,
हिन्दुस्तान हमारा जिनसे,
नमन उनकी जवानी को !!

भाग्य भूमि हैं भारतमाता,
जननी इन रणजीतों की ,
हैं पूज्य सम्पूर्ण जगत में ,
ये भारत वीर सपूतों की !!

कविता रचियता =:) दीक्षा झा

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